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तकलीफ का स्वाद
September 2, 2016 / Leave a comment
एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था । उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था । . कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा था । वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को … Continue reading →
challenges accept करिये
September 2, 2016 / Leave a comment
जापान में हमेशा से ही मछलियाँ खाने का एक ज़रुरी हिस्सा रही हैं । और ये जितनी ताज़ी होतीं हैँ लोग उसे उतना ही पसंद करते हैं । लेकिन जापान के तटों के आस-पास इतनी मछलियाँ नहीं होतीं की उनसे लोगोँ की डिमांड पूरी की जा सके । नतीजतन मछुआरों को दूर समुंद्र में जाकर … Continue reading →
पिंजरे का तोता
July 21, 2016 / Leave a comment
एक समय की बात हैं, एक सेठ और सेठानी रोज सत्संग में जाते थे। सेठजी के एक घर एक पिंजरे में तोता पाला हुआ था। तोता रोज सेठ-सेठानी को बाहर जाते देख एक दिन पूछता हैं कि सेठजी आप रोज कहाँ जाते है। सेठजी बोले कि भाई सत्संग में ज्ञान सुनने जाते है। तोता कहता … Continue reading →
આંખમાં આંસુ?
July 2, 2016 / Leave a comment
શહેરની એક શાળામાં શિક્ષિકાની જોબ કરતી કુમુદિની સાંજનું ડીનર પતાવી એના ઘરમાં ફેમીલી રૂમના એક ટેબલ પર એના વર્ગના વિદ્યાર્થીઓના હોમ વર્કની નોટો તપાસવા બેસી ગઈ.કુમુદિનીનો પતિ રાકેશ સોફામાં બેસી એના સ્માર્ટ ફોનમાં ધ્યાન કેન્દ્રિત કરીને એની ગમતી ગેમ રમવામાં પરોવાઈ ગયો. છેલ્લી નોટ બુક વાંચ્યા પછી એકાએક કુમુદિનીની આંખો આંસુઓથી ભરાઈ ગઈ.એક પણ શબ્દ … Continue reading →